अभ्यास – मौखिक

1. एकपदेन उत्तर वदत :-

क. हिरणमयेन पात्रेण कस्य मुखम अपिहितम ?

उत्तर – सत्यस्य


ख. सत्यधर्माय प्राप्तये किम आप्वृणु ?

उत्तर – पूषन्न


ग. ब्रह्मण मुखम केन आच्छादितमस्ति ?

उत्तर – हिरणमयेन पात्रेण


घ . महतो महीयान क:

उत्तर – आत्मा


ण- अणो अणियान क :

उत्तर – आत्मा


च . पृथित्यादे महत्परिमानयुक्तात पदार्थत महत्तर: क : ?

उत्तर – धातुप्रसादतू महिमा तममतुमन:


छ. की दृश : पुरुष: निजेंदियप्रसादात आत्मन: महिमानं पश्यति शोकरहितशच ?

उत्तर – विद्वान पुरुष:


ज . कीं जयं प्राप्नोति ?

उत्तर – सत्यम


झ . कीं जयं न प्राप्नोति ?

उत्तर – असत्य


ण. का: नाम रुपंच विहाय समुद्रे दस्तं गछति :

उत्तर – नध:

 

2. एतेषाम पदयानम प्रथम चरणं मौखिकरूपेण पूर्यत :-

क. हिरणमयेन  पात्रेण सत्यस्यपिहितं मुखम |

ख. अणोरनियान  महतो महीयान आत्मस्य जन्तोनी गुहायाम |

ग. सत्यमेव जयते  नानृतम सत्येन पन्था विततो देवया |

घ. यथा नध: स्यन्दमाना : समुद्रे दस्तं गछन्ति नामरुपे विहाय|

ण. वेदाहमेंत  पुरुषं महानतम आदित्यवर्ण: तमसः परस्तात |

 

3. एतेषा पदानाम अर्थ वदत –

अपिहितम – ढका हुआ

सत्यधर्माय – सत्यधर्मवान के लिए

अणोरनियान – सूक्ष्म से सूक्ष्म

अक्रुतः – क्रम बंधन से मुक्त

वितशोक: – शोकरहित

वितत : – विस्तार होता है

देवयान: – देवता को

स्यन्दमाना : – जाती हुई

 

4. स्वरमृत्या कांचित संस्कृत प्रार्थना श्राव्यत |

तमेव माता च पिता तमेव,

तमेव वन्धु च सखा तमेवा,

तमेव बिद्या द्रविर तमेव तमेव

 

अभ्यास: लिखित:

एकपदेन उत्तर लिखित –

क . सत्यस्य मुखम केन पात्रेण अपिहितम अस्ति ?

उत्तर – हिरणमयेन


ख . पूषा कसमे सत्यस्य मुखम आपावृणुयात ?

उत्तर – पूषन्न


ग . क: महतो महियाम अस्ति

उत्तर – आत्मा


घ . कीं जयते ?

उत्तर – सत्यम


ण – देवयानं पन्था केन वितत: अस्ति

उत्तर – सत्येन


च . साधक:पुरुष: विदित्वा कम अत्येति ?

उत्तर – मृत्युम


छ . नध: के विहाय समुद्रे असतं गच्छन्ति ?

उत्तर – नामरुपे

 

2 . अधोलिखिताम उदहरनम अनुसृत्व प्रदंतप्रश्ननानाम उत्तरानी पूर्णवाक्येन लिखत –

क. कस्य गुहायाम अणो अणियान आत्मा निहित अस्ति ?

     जनतो गुहायाम अन्नो अणियान आत्मा निहित: अस्ति


ख . विद्वान कस्मात विमुक्तो भूत्वा परात्परं पुरुषम उपैति ?

       विद्वान नामरुपाद विमुक्तो भूत्वा परात्परं पुरुषम उपैति


ग . आप्तकामा ऋषय: केन पथा सत्यम प्राप्नुवन्ति ?

      आप्तकामा ऋषय: देवयान: पथा सत्यम प्राप्नुवन्ति

 

3 . संधि विच्छेद कुरुत:

कस्यापिहितं – कस्य + अपिहितम

अणोरनियान – अणो: + अणियान

जन्तोनिर्हित – जन्तो: + निहित :

ह्याप्रकामा – हि + आप्राप्तकामा

उपैति – उप + एति

 

4 . रिक्तस्थानीनि पुरयत :-

क . हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यपिहितं मुखम |

ख . अणोरनियान महतो महीयान |

ग . सत्यमेव जयते नानृतं

घ . यथा नध: स्यन्दमाना समुद्रे

. तमेव विदिटवाति मृत्युमेति

 

5. अधोनिदिरष्टना पढ़ाना स्ववाक्येषु प्रयोग कुरुतं

क . सत्यम :- सत्यमेव जयते नानृतम |

ख . सत्यस्य :- सत्यस्य मुखम हिरणमयेन पात्रेण अपिहिंतम|

ग. गच्छनि: :- ते गृहम गच्छन्ति |

. विमुक्त: : – विद्वान नाम रुपाद विमुक्त:

ण . अन्य: :- अन्यः पन्था अयनाय न विदयते |

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